tantraphilosophy
सोमवार, 25 अगस्त 2008
गणपति अथर्वशीर्ष
›
गणपत्यथर्वशीर्ष July 22, 2008 – 5:01 pm ॥ श्री गणपत्यथर्वशीर्ष ॥॥ शान्ति पाठ ॥ॐ भद्रं कर्णेभिः शृणुयाम देवाः । भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्राः ॥...
तंत्र परिचय
›
तन्त्र शब्द के अर्थ बहुत विस्तृत हैं। यह शब्द ‘तन्’ और ‘त्र’ (ष्ट्रन) इन दो धातुओं से बना है, अतः “विस्तारपूर्वक तत्त्व को अपने अधीन करना”- ...
सोमवार, 11 अगस्त 2008
माला संस्कार
›
प्रत्येक कामना पूर्ण करने हेतु जप, तप, यन्त्र, रत्न एम् अनुष्ठान इत्यादि का सहारा लेना पड़ता है, जिसमें माला के चयन की भूमिका अनिवार्य प्रत...
1 टिप्पणी:
चक्र bhedana
›
रविवार, 10 अगस्त 2008
यज्ञ
›
यज्ञ शब्द के तीन अर्थ हैं- १- देवपूजा, २-दान, ३-संगतिकरण । संगतिकरण का अर्थ है-संगठन । यज्ञ का एक प्रमुख उद्देश्य धार्मिक प्रवृत्ति के लोगो...
‹
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें